Saturday, 11 April 2020

ऑनलाइन ठगी से बचने के लिये सावधानी ही बचाव का सबसे बड़ा रास्ता:-डीएसपी मुख्यालय

-कुछ बातों का विशेषकर रखे ध्यान
रेवाड़ी 11 अप्रैल(नवीन शर्मा) शातिर तरीके से लोगों के बैंक खातों से राशी ठगने की वारदात पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से जिला पुलिस ने फिर से एडवाइजरी जारी की है। ऑनलाइन ठगी से कैसे बचाया जाए इसके लिए जिला पुलिस ने सुझाव भी दिए है। ताकि ऑनलाइन ठगी करने वाले इन शातिर ठगों के चंगुल से बचा जा सके। डीएसपी मुख्यालय हंसराज ने बताया कि अकाउंट नंबर, ओटीपी नंबर, फोन कॉल पर डिटेल शेयर न करें। क्योंकि कोई भी बैंक कर्मचारी कॉल करके डिटेल नहीं मांगता। नेट बैंकिग करते समय सतर्क रहें। यूजर नेम व पासवर्ड किसी से शेयर न करें। वेबसाइट का प्रयोग करें। इंटरनेट कैफे से नेट बैंकिग न करें। फ्री वाइफाई में नेट बैंकिग न करें। एसएमएस अलर्ट ऑन रखें। एटीएम की डिटेल, सीसीवी व ओटीपी किसी अनजान व्यक्ति को न बताएं। खरीदारी के समय कार्ड अपने सामने स्वाइप करें। वहीं अगर कोई व्यक्ति उनसे फेसबुक मैसेंजर के माध्यम से पैसे की मदद मांगे तो फेसबुक चलाने वाले व्यक्ति से पहले मोबाइल पर संपर्क कर लें। उसके बाद ही किसी तरह की मदद करें, क्योंकि फेसबुक आईडी हैक करके ठगी की जा रही है। इसके अलावा ठगी करने वाले मोबाइल पर भी प्रलोभन का मैसेज भेजते हैं। उस लिंक को क्लिक करते ही आपके खाते से नकदी साफ होने लग जाती है ऐसे लिंक को पूरी तरह इग्नोर करें। साथ ही ओएलएक्स पर समान बेचने के बहाने भी लिंक भेजे जाते हैं उस पर भी क्लिक न करें। एंटी वायरस खतरनाक वायरस को आपके सिस्टम से रिमूव करता हैं। इसलिए अपने कंप्यूटर और मोबाइल के एंटीवायरस के साथ-साथ सभी सॉफ्टवेयर को समय-समय पर अपडेट करते रहना चाहिए। डेबिट व क्रेडिट कार्ड धारकों व नेट बैंकिग करने वाले ग्राहक अपना कार्ड किसी के हाथ में न दें। साथ ही खरीदारी के समय खुद के सामने ही कार्ड स्वाइप करें। पिन भी खुद गुप्त तरीके से डालें। एसएमएस अलर्ट हमेशा चालू रखे, ट्रांजेक्शन लिमिट कम रखें और गड़बड़ी होने पर बैंक को शिकायत दें।