Thursday, 28 May 2020

सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण प्रदेश का किसान बर्बादी की कगार पर :-रजवन्त डहीनवाल

सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण प्रदेश का किसान बर्बादी की कगार पर :-रजवन्त डहीनवाल
रेवाड़ी 28 मई(नवीन शर्मा) वैश्विक महामारी कोरोना के कारण चल रहे लोग डाउन के समय बीजेपी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण किसानों को हो रहे नुकसान व परेशानी को लेकर प्रेस नोट जारी करते हुए इंडियन नेशनल लोकदल के प्रदेश इनेलो प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट रजवंत सिंह डहीनवाल ने कहा कि आज सरकार की  किसान विरोधी नीतियों के कारण प्रदेश का किसान बर्बादी के कगार पर खड़ा है! सरकार की बिना सोची-समझी नीतियों के कारण किसान दिन-रात परेशान रहता है "मेरा पानी मेरी विरासत" योजना के नाम पर भी किसानों को धान की खेती के लिए रोकना सरासर गलत है इतने साल तक सत्ता सुख भोग चुकी बीजेपी सरकार को पानी की किल्लत नजर नही आई जबकि पूरे प्रदेश में जल स्तर गिर रहा है ! इनेलो पार्टी द्वारा समय समय पर सरकार को इस समस्या के बारे में अवगत कराया जिसके लिए धरना, प्रदर्शन आदि भी किया लेकिन सरकार ने इस मामले में कोई पहल नही की!हरियाणा में पानी की किल्लत कोई आज नहीं हुई है इसी की कारण इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी ने हरियाणा में पानी की कमी के लिए एसवाईएल नहर के निर्माण के लिए लंबा संघर्ष किया था और उस नहर निर्माण को पूरा कराने के लिए इनेलो नेताओं ने हर प्रकार से धरना प्रदर्शन अनशन किया लेकिन हरियाणा की गूंगी बहरी सरकार ने एसवाईएल नहर के निर्माण के लिए कोई भी कठोर कदम नहीं उठाया! इसके साथ ही दादूपुर नलवी नहर को भी बंद कर भी करके भी हरियाणा के किसानों के साथ बड़ा धोखा किया है अब पानी बचाओ योजना के तहत किसानों पर नया नियम थोपना कहां की समझदारी है रही बात आज जिस प्रकार प्रदेश के किसान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं उससे यह बात बिल्कुल स्पष्ट हो चुकी है कि सरकार कोई भी नियम बनाती है वह बगैर सोचे-समझे बनाती है! आज हर व्यक्ति पानी बचाने की कोशिश करता है! कोई भी व्यक्ति है नहीं चाहता कि पानी की किल्लत रहे! धान की खेती पर रोक लगाकर लगाने से किसानों को कितना नुकसान होगा यह तो जिसका नुकसान हो वही बता सकता है  और धान के फसल से अगर पानी का दोहन ज्यादा होता है तो इसकी वैकल्पिक फसल मक्का ,दलहन,बागवानी वगैरह की खेती की जा सकती है लेकिन इसके लिए उन किसानों से विचार-विमर्श कर उचित सब्सिडी आर्थिक सहायता के साथ-साथ कम दर पर ऋण फसल खरीद का आश्वासन देना बेहद जरूरी था क्योंकि जब तक किसानों को मानसिक, शारीरिक मानसिक व आर्थिक रूप से तैयार नहीं किया जा सकता तब तक यह प्रयास विफल है और इसी वजह से ही सरकार की नाकामी की वजह से ही किसानों में आज असंतोष है! रतिया का आंदोलन इसका बड़ा उदाहरण है कि जिस प्रकार इतनी भीषण गर्मी में हजारों की संख्या में किसान सड़कों पर ले काले झंडे लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं यह बड़ा सोचनीय विषय है! सरकार को इस बारे में गंभीरता से सोच कर किसानों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए यही नहीं अगर सरकार पानी की समस्या को लेकर इतनी संवेदनशील है तो दादुपुर नलवी नहर को क्यों पाटा गया !एसवाईएल नहर का निर्माण आज तक क्यों नहीं किया गया जबकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इसका फैसला हरियाणा के हक़ में दे दिया था! इसके साथ ही बीजेपी जेजेपी गठबंधन में भी आपसे तालमेल की कमी है जो जनता को उसका हक दिलाने की बात करते थे किसानों की बात करते थे आज वह इस मामले पर पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं! इनकी आपसी तालमेल न होने का भुगतान जनता को करना पड़ रहा है!इसके साथ ही हरियाणा में कोरोना के बढ़ते हुए केस पर सरकार को गंभीरता से कदम उठाकर रोकना चाहिए!